रूस के साथ 'समय-परीक्षित' संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की: जयशंकर

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रूस के साथ 'समय-परीक्षित' संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की: जयशंकर

Dr. S. Jaishankar


मास्को, (आईएएनएस)| विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि रूसी समकक्ष (विदेश मंत्री) सर्गेई लावरोव के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, भारत के अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ 'समय-परीक्षित' संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की। जयशंकर ने लावरोव के साथ चर्चा समाप्त करने के बाद ट्वीट किया, अभी-अभी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक चर्चा समाप्त हुई है। हमारे स्थिर और समय-परीक्षणित संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, वैश्विक और क्षेत्रीय विकास पर हमारे सुविधाजनक बिंदुओं से भी ²ष्टिकोण का आदान-प्रदान किया। इससे पहले अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा था कि लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता समग्र वैश्विक स्थिति के साथ-साथ विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं को दूर करेगी।

जयशंकर- जो सोमवार को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर मास्को पहुंचे- ने कहा कि हमारी सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर मजबूत और निरंतर संपर्क रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी बैठक हमारे संबंधों का आकलन करने, वैश्विक स्थिति पर ²ष्टिकोणों का आदान-प्रदान करने और हमारे संबंधित हितों के लिए समर्पित है।

उन्होंने कहा, कोविड, व्यापार की कठिनाइयों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाला है। अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणाम उसके ऊपर देख रहे हैं। जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री के साथ अपनी बैठक पर आगे कहा, जहां द्विपक्षीय संबंधों का संबंध है, हमारा उद्देश्य एक समकालीन, संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभप्रद और दीर्घकालिक जुड़ाव बनाना है।

उन्होंने कहा- आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के अधिक बारहमासी मुद्दे हैं, दोनों का प्रगति और समृद्धि पर विघटनकारी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत और रूस तेजी से बहु-ध्रुवीय और पुन: संतुलित दुनिया में एक-दूसरे से जुड़ते हैं। हम ऐसा दो नीतियों के रूप में करते हैं, जिनके बीच असाधारण रूप से स्थिर, समय-परीक्षणित संबंध रहे हैं।

इससे पहले, जयशंकर ने आखिरी बार जुलाई 2021 में रूस का दौरा किया था और उसके बाद अप्रैल 2022 में लावरोव ने नई दिल्ली की यात्रा की थी।

--आईएएनएस

केसी/एएनएम

News BY IANS (Indo-Asian News Service)

This article has been republished with permission from IANS. The views expressed in the article are that of the author and not of the publisher or its management.