गूगल प्ले ने भारत में यूपीआई ऑटोपे भुगतान पेश किया

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गूगल प्ले ने भारत में यूपीआई ऑटोपे भुगतान पेश किया

UPI Autopay


नई दिल्ली, (आईएएनएस)| गूगल ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह भारत में गूगल प्ले पर सब्सक्रिप्शन-आधारित खरीदारी के लिए भुगतान विकल्प के रूप में यूपीआई ऑटोपे की शुरुआत कर रहा है।

एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) द्वारा यूपीआई 2.0 के तहत पेश किया गया, यूपीआई ऑटोपे ग्राहकों को सुविधा का समर्थन करने वाले किसी भी यूपीआई एप्लिकेशन का उपयोग करके आवर्ती भुगतान करने में मदद करता है।

भारत, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में गूगल प्ले रिटेल एंड पेमेंट्स एक्टिवेशन के प्रमुख सौरभ अग्रवाल ने एक बयान में कहा, "प्लेटफॉर्म पर यूपीआई ऑटोपे की शुरुआत के साथ, हमारा लक्ष्य सब्सक्रिप्शन-आधारित खरीदारी के लिए यूपीआई की सुविधा का विस्तार करना है, जिससे कई और लोगों को उपयोगी और आनंदमय सेवाओं तक पहुंचने में मदद मिल सके। साथ ही स्थानीय डेवलपर्स को गूगल प्ले पर अपने सब्सक्रिप्शन-आधारित व्यवसायों को विकसित करने में सक्षम बनाया जा सके।"

इसके अलावा, यूपीआई ऑटोपे सब्सक्रिप्शन सेट करना आसान बनाता है।

उपयोगकर्ताओं को बस कार्ट में भुगतान विधि पर टैप करना होगा, 'यूपीआई के साथ भुगतान करें' का चयन करना होगा और फिर खरीद के लिए सदस्यता योजना का चयन करने के बाद अपने समर्थित यूपीआई ऐप में खरीदारी को मंजूरी देनी होगी।

रिपोर्ट के अनुसार, गूगल प्ले उपभोक्ताओं को 170 से अधिक बाजारों में सुरक्षित और निर्बाध रूप से लेन-देन करने में मदद करता है।

इसके अलावा, मंच 60 से अधिक देशों में 300 से अधिक स्थानीय भुगतान विधियों का समर्थन करता है, स्थानीय भुगतानों को खोजने और एकीकृत करने से जुड़ी जटिलताओं को दूर करता है।

इसके अलावा, मंच 60 से अधिक देशों में 300 से अधिक स्थानीय भुगतान विधियों का समर्थन करता है, स्थानीय भुगतानों को खोजने और एकीकृत करने से जुड़ी जटिलताओं को दूर करता है।

यूपीआई एक ऐसा भुगतान विकल्प है, जिसे 2019 में भारत में प्ले स्टोर पर पेश किया गया था।

बयान में कहा गया है कि भारत में, यूपीआई ने मोबाइल भुगतान ढांचे को बदल दिया है और गूगल प्ले पर भी, बहुत से लोग ऐसे ऐप्स का आनंद ले रहे हैं और उनका उपयोग कर रहे हैं जो यूपीआई-आधारित लेनदेन का लाभ उठाते हैं।

--आईएएनएस

एसकेके/एएनएम

News BY IANS (Indo-Asian News Service)

This article has been republished with permission from IANS. The views expressed in the article are that of the author and not of the publisher or its management.